नमस्कार दोस्तों! 🙏<br /><br />यह दिव्य गीत “राधे तुम प्राण अधीशा” श्रीकृष्ण के हृदय से निकली उस रसभरी वाणी का प्रतीक है, जिसमें राधा के प्रति उनका अनंत प्रेम, समर्पण और माधुर्य झलकता है।<br />यह रहा एक नया, मौलिक भक्तिपूर्ण और रसभरा हिंदी गीत, जैसे स्वयं कृष्ण अपने हृदय से राधा के लिए गा रहे हों<br />यह गीत शुद्ध हिंदी और संस्कृत शब्दों में रचा गया है, जिसमें ब्रजभाषा की सुगंध और भक्ति की गहराई है।<br />सुनिए यह माधुर्य भरा राग — जैसे स्वयं श्रीकृष्ण बंसी बजाकर राधा को पुकार रहे हों।<br />जय राधे! जय श्याम!<br /><br />This divine song “Radhe Tum Prana Adhisha” is a symbol of the sweet words that came from the heart of Shri Krishna, in which his infinite love, devotion and sweetness towards Radha is reflected.<br />Here is a new, original devotional and soulful Hindi song, as if Krishna himself is singing from his heart for Radha.<br />This song is composed in pure Hindi and Sanskrit words, with the fragrance of Braj Bhasha and the depth of devotion.<br />Listen to this melodious raga—as if Lord Krishna himself is calling out to Radha, playing his flute.<br />Jai Radhe! Jai Shyam!<br /><br />Lyrics:<br />-------- राधे तुम प्राण अधीशा ---------<br /><br />मुरली की तान बहे मधुबन में,<br />पवन संग राधे नाम गूँजे गगन में।<br />श्याम कहे मन में अल्हड़ राग,<br />“राधे बिना अधूरो सब साज।”<br /><br />राधे तुम प्राण अधीशा,<br />मम हृदय की सुषमा दीशा।<br />तुम बिन श्याम न बोले री,<br />मुरली मौन, सुधा न झीले री॥<br /><br />तुम प्रेम हो राधे. तुम्हीं मन मीत हो.....<br /><br />तुम नयन दीप जगा तन में,<br />सुरभि सम बहो चितवन में।<br />मोरपंख सजे जब शिर पे,<br />नाम तुम्हारो गूँजे हर स्वर पे॥<br /><br />तुम प्रेम हो राधे. तुम्हीं मन मीत हो.....<br /><br />मम प्राण तुम्हारे चरण चहुँओर,<br />रस बरसे ज्यों श्रावण घन घोर।<br />तुम ही सुमन, मैं तव पराग,<br />राधे! तुम बिन न पूर्ण राग॥<br /><br />तुम प्रेम हो राधे. तुम्हीं मन मीत हो.....<br /><br />गोवर्धन गिरिधर गान करे,<br />रास रचत प्रेम प्राण धरे।<br />श्याम कहे नित मन में बात,<br />“राधे, तुम ही मोरी आराध्य नाथ॥”<br /><br />तुम प्रेम हो राधे. तुम्हीं मन मीत हो.....<br /><br />राधे नाम जपे हर बंसी,<br />तुमसे ही गूँजे वृंदावनी सी।<br />प्रेम रसामृत, नित नूतन,<br />राधे श्याम एक चिरसुंदर तन मन....
